7.6.25

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वादशी विक्रमी संवत् २०८२ तदनुसार 7 जून 2025 का सदाचार संप्रेषण १४०९ वां सार -संक्षेप

 आनन्द की प्राप्ति ही सबका उद्देश्य है सुख तो आता है चला जाता है....


प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वादशी विक्रमी संवत् २०८२  तदनुसार  7 जून 2025 का सदाचार संप्रेषण

  १४०९ वां सार -संक्षेप


यह संसार एक विराट् नाट्यमंच है इसमें हम सभी पात्र (characters) हैं।  

हर किसी की अपनी भूमिका (role) है  हमें अपनी भूमिका के अनुसार कर्तव्यपूर्वक कार्य करना चाहिए 

 अपने कर्तव्य (भूमिका) का पालन करना श्रेष्ठ है।हमारे जन्म का कोई कारण अवश्य है जिस प्रकार भगवान् राम के अवतरित होने का एक कारण था


असुर मारि थापहिं सुरन्ह राखहिं निज श्रुति सेतु।

जग बिस्तारहिं बिसद जस राम

 जन्म कर हेतु॥ 121॥


वे असुरों को मारकर देवताओं को स्थापित करते हैं, अपने श्वास रूप वेदों की मर्यादा की रक्षा करते हैं और जगत् में अपना निर्मल यश फैलाते हैं। 

क्योंकि


(तस मैं सुमुखि सुनावउँ तोही। समुझि परइ जस कारन मोही॥)

जब जब होई धरम कै हानी। बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी॥


करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी॥

तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा॥


हमने अपना लक्ष्य बनाया है 

वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः 

तो हमें राष्ट्र के जाग्रत पुरोहित के रूप में अपनी भूमिका के अनुसार कार्य करना चाहिए

 हमें जगत् के कल्याण के लिए कार्य करने हैं जो विकार हैं उन्हें दूर करना है 

राष्ट्रभक्त जनों को संगठित करें ऐसे संबन्धों को विस्तार दें क्योंकि इस नाम रूपात्मक जगत् में  संबन्धों का विस्तार ही अपना संसार है  और सबके अलग अलग संसार होते हैं यह मनुष्य जीवन का स्वरूप भी है और स्वभाव भी है

 राष्ट्र -भक्त के रूप में अपने प्रभाव अपनी शक्ति अपने सामर्थ्य अपने आचरण से  मनोयोग पूर्वक एक धमक बनाने का प्रयास करें ताकि दुष्ट दुष्टता न कर सकें 

अपनी परम्परा को भी जानें और नई पीढ़ी को भी इससे अवगत कराएं


इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने 

दूत...... "जो आज्ञा ""(कहकर जाता है ) का उल्लेख क्यों किया

कवि प्रख्यात मिश्र के कल सम्पन्न हुए विवाह के विषय में क्या बताया श्री बालेश्वर जी की चर्चा क्यों की  संसार का सबसे बड़ा रोग क्या है   'बीज कभी मरता नहीं है' का क्या आशय हुआ जानने के लिए सुनें