प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष प्रतिपदा विक्रमी संवत् २०८२ तदनुसार 10 अगस्त 2025 का सदाचार संप्रेषण
१४७३ वां सार -संक्षेप
ग्राम :सरौंहां
एहिं जग जामिनि जागहिं जोगी। परमारथी प्रपंच बियोगी॥
जानिअ तबहिं जीव जग जागा। जब सब बिषय बिलास बिरागा॥
मानस में लक्ष्मण गीता के इस अंश में गोस्वामी तुलसीदासजी कहते हैं कि यह संसार वास्तव में एक रात के समान है जिसमें योगी,जो परमार्थ के साधक हैं अर्थात् जिनका स्व परम बन गया है , जो संसार के प्रपंचों से विमुख हो गए हैं,जागते हैं।
जब कोई जीव विषय-विलासों से विरक्त हो जाता है, तभी वास्तव में वह जाग्रत हुआ माना जाता है अर्थात, जिस क्षण व्यक्ति मोह, वासना, भोग आदि से ऊपर उठकर आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होता है, वही उसका "जागना" होता है। बाकी सब तो मोह रूपी नींद में ही डूबे रहते हैं।
मोह निशा सब सोवन हारा। देखिअ सपन अनेक प्रकारा॥
अर्जुन को भी मोह हो गया था अर्जुन मोहग्रस्त इसलिए हुआ क्योंकि युद्धभूमि में अपने परिजनों, गुरुजनों और स्नेहियों को सम्मुख देखकर उसका मन द्रवित हो गया। उसे लगा कि जिनके लिए युद्ध करना है, यदि वही नहीं रहेंगे, तो उस युद्ध और विजय का कोई मूल्य नहीं होगा। वह कर्तव्य और भावनाओं के बीच उलझ गया। उसे अपने कुल के नाश, धर्म की हानि, और अधर्म के विस्तार की चिंता सताने लगी। यह मानसिक स्थिति मोह की चरमावस्था थी, जिसमें अर्जुन का चित्त विचलित हुआ और उसने अपने शस्त्र त्याग दिए। यहीं से गीता का उपदेश प्रारंभ होता है, जिसमें श्रीकृष्ण उसे कर्तव्य, समत्व और आत्मस्वरूप का ज्ञान देकर मोह से मुक्त करते हैं,उसे तात्विक दृष्टि प्रदान करते हैं अर्जुन को धैर्य धारण करने के लिए कहते हैं
अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे।
गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः।।2.11।।
तुमने शोक न करने योग्य का शोक किया है और पण्डिताई की बातें कह रहे हो परन्तु जिनके प्राण चले गये हैं, उनके लिये और जिनके प्राण नहीं गये हैं, उनके लिये पण्डित लोग शोक नहीं करते।
आचार्य जी ने अधिवेशन की चर्चा करते हुए कहा कि अब हम संख्या पर विचार करें समय पर उचित निर्णय लें अपना सुख त्यागकर कर्मानुरागी बन जाएं ताकि परिणाम के आनन्द की अनुभूति हो सके
इसके अतिरिक्त हम यह अनुभूति करें कि इन सदाचार संप्रेषणों को सुनकर हमारे भीतर क्या परिवर्तन आ रहा है भैया प्रदीप जी भैया पुनीत जी का उल्लेख क्यों हुआ जानने के लिए सुनें