प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष षष्ठी विक्रमी संवत् २०८२ तदनुसार 15 अगस्त 2025 का सदाचार संप्रेषण
१४७८ वां सार -संक्षेप
ग्राम :सरौंहां
भारत वह राष्ट्र है जो सदा 'भा' अर्थात् प्रकाश, ज्ञान और चेतना में रत रहा है। इसके राष्ट्रभक्तों का यह दृढ़ विश्वास है कि
है देह विश्व, आत्मा है भारत माता;
सृष्टि-प्रलय-पर्यन्त अमर यह नाता।
दुर्भाग्यवश, कभी-कभी यह महान् राष्ट्र भ्रम और एकांगिता की स्थिति में चला जाता है
हम, भारत के पुत्र, जो शक्ति के स्रोत और बुद्धि के आगार हैं, जब किसी को भ्रम और भय होता है, तो उसे दूर करने के लिए एक विश्वास के मेरु के रूप में संकल्पित रहते हैं। हमारा उद्देश्य है:
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः
( हम राष्ट्र को जाग्रत और जीवंत बनाए रखने वाले पुरोहित बनें उसे सही दिशा में ले जाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाएं )
हम इन विकारों को विविध आयोजनों और व्यावहारिक प्रयासों के माध्यम से दूर करने का प्रयास करते हैं, जिससे समाज में जागरूकता और एकता बनी रहे।
इसी प्रकार का एक आयोजन है अखंड भारत संकल्प दिवस जो भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक एकता की पुनःस्थापना के संकल्प के लिए होता है
इस आयोजन का उद्देश्य भारत के विभाजन की स्मृति को जीवित रखना और आने वाली पीढ़ियों को अखंड भारत की अवधारणा से परिचित कराना है। कार्यक्रमों में अखंड भारत माता की पूजा, दीप प्रज्वलन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, और वक्ताओं के विचार साझा किए जाते हैं
आचार्य जी नित्य गीता के तात्त्विक छन्द,उपनिषदों के संदेश, मानस के प्रसंग लेकर हमें प्रेरित करते हैं यह हमारा सौभाग्य है
जो अपने से बड़ा अपनों को,अपनों से बड़ा राष्ट्र -सेवकों, समाज-सेवकों, संतों, बलिदानियों को मानता है वह व्यक्ति महान् है
जैसे भगवान् राम
परम प्रीति समीप बैठारे। भगत सुखद मृदु बचन उचारे॥
तुम्ह अति कीन्हि मोरि सेवकाई। मुख पर केहि बिधि करौं बड़ाई॥2॥
बड़े ही प्रेम से श्री रामजी ने उनको अपने पास बैठाया और भक्तों को सुख देने वाले कोमल वचन कहे- तुम लोगों ने मेरी बड़ी सेवा की है। मुँह पर किस प्रकार तुम्हारी बड़ाई करूँ?
मेरे हित के लिए तुम लोगों ने घरों को तथा सब प्रकार के सुखों को त्याग दिया। इससे तुम मुझे अत्यंत ही प्रिय लग रहे हो।
यह रामत्व है
हम इसी रामत्व की अनुभूति करें आत्म का बोध करें
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने भैया विवेक 'शास्त्री जी ', भैया मुकेश जी का उल्लेख क्यों किया जानने के लिए सु