30.9.25

प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रमी संवत् २०८२ तदनुसार 30 सितंबर 2025 का सदाचार संप्रेषण *१५२४ वां* सार -संक्षेप

 प्रेम का प्रवाह शौर्य-शक्ति की उमंग संग

देशभक्ति की विभक्ति संयम के साथ हो,

गात हो सशक्त तप्त लौह के समान शुभ

बात-बात में स्वदेश चिन्तन का माथ हो 


प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रमी संवत् २०८२  तदनुसार 30 सितंबर 2025 का सदाचार संप्रेषण

  *१५२४ वां* सार -संक्षेप


मुख्य विचारणीय विषय क्रम सं ६

 हम राष्ट्रहित और समाजहित का ध्यान रख पाएं यह आत्मबोध हो


आज के बौद्धिक युग में हम अत्यधिक भ्रमित और भयभीत हैं हमारे अन्दर अविश्वास का अतिरेक है विश्वास जितना खंडित होता है जीवन उतना ही उलझनों से युक्त हो जाता है ऐसे में हमें आवश्यकता है उचित मार्गदर्शन की 

आचार्य जी नित्य हमारा मार्गदर्शन करते हैं यह हमारा सौभाग्य है हमें इसका लाभ उठाना चाहिए 

आचार्य जी  हमें उच्च आदर्शों से युक्त राष्ट्रभक्ति और आत्मानुभूति, कि हम मात्र शरीर का ढांचा  नहीं हैं हमारे लिए साधन महत्त्वपूर्ण नहीं है, की प्रेरणा देते हैं। आचार्य जी कहते हैं कि हमारा शरीर लोहे के समान दृढ़, तप्त और सक्षम हो और वाणी में सदैव राष्ट्रचिन्तन व्याप्त रहे। साथ में हम सब यह भी अनुभव करें कि हम सब एक ही मातृभूमि के पुत्र हैं यही हमारी परम्परा में भी रहा

लोभ, वासना और लोलुपता से युक्त व्यक्तियों का साथ कभी न हो  इसका अवश्य प्रयास करें हमारे हृदय में सदा श्रीराम जो मर्यादा, आदर्श और धर्म के प्रतीक हैं बसे रहें।रामत्व को अपने भीतर प्रवेश कराएं ताकि हम यशस्वी तपस्वी जयस्ची बन सकें श्रीराम का नाम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है


एहि बिधि निज गुन दोष कहि सबहि बहुरि सिरु नाइ।

बरनउँ रघुबर बिसद जसु सुनि कलि कलुष नसाइ॥ 29(ग)॥

 तुलसीदास जी कहते हैं इस प्रकार अपने गुण-दोषों को कहकर और सबको फिर सिर नवाकर मैं रघुनाथ का निर्मल यश वर्णन करता हूँ, जिसके सुनने से कलियुग के पाप नष्ट हो जाते हैं 

भगवान् राम का यश इस कारण है कि उन्हें हर परिस्थिति में सफलता मिलती गई

उन्हें सफलता प्रेम आत्मीयता संगठन विश्वास आत्मशक्ति के कारण प्राप्त हुई

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने बताया

संगठन विश्वास के आधार पर चलते हैं

मानस में सबसे पहले कौन सा कांड लिखा गया शिशु मन्दिरों की क्या विशेषता रही जानने के लिए सुनें