24.10.25

प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया विक्रमी संवत् २०८२ तदनुसार 24 अक्टूबर 2025 का सदाचार संप्रेषण *१५४८ वां* सार -संक्षेप

 प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज कार्तिक  शुक्ल पक्ष तृतीया विक्रमी संवत् २०८२  तदनुसार 24 अक्टूबर 2025 का सदाचार संप्रेषण

  *१५४८ वां* सार -संक्षेप


मुख्य विचारणीय विषय क्रम सं ३०


शौर्य प्रमंडित अध्यात्म की महत्ता को समझें



इन सदाचार वेलाओं का मूल आधार यह है कि हम संसार से जुड़ते हुए भी उसमें न उलझें, बल्कि उसमें छिपे हुए सार अर्थात् सत्य, मूल्यों और उद्देश्य का चिन्तन करें।हमें संसार के साथ व्यवहार करते हुए, संबन्धों और दायित्वों को निभाते हुए, सत् की खोज करनी चाहिए।तो आइये प्रवेश करें  हमारे लिए अत्यन्त कल्याणकारी आज की वेला में


हमारा सनातन धर्म, जो कि अत्यन्त अद्भुत और महान् है, जीवन को आध्यात्मिक प्रगति की सीढ़ियाँ चढ़ाते हुए सर्वोच्च स्तर तक पहुँचाने में सक्षम है, दुर्भाग्यवश वह बेचारगी, हीनभावना और निष्क्रियता का शिकार हो गया l इसका एक कारण यह है कि हम शौर्य  से विमुख हो गए l

श्रीराम का जीवन शौर्य से युक्त अध्यात्म का अनुपम उदाहरण है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के माध्यम से यह संदेश दिया कि सच्चा अध्यात्म वही है जो शौर्य से आलोकित हो जो अन्याय के विरुद्ध खड़ा हो, समाज की रक्षा करे और धर्म की स्थापना करे।

जब समाज में धर्म की हानि होती है, अधर्म बढ़ता है, तब शिवत्व का प्रवेश होना आवश्यक हो जाता है l

 हम केवल भक्तिभाव में लीन न हों, बल्कि संगठन, सेवा और शौर्य को भी अपने जीवन में स्थान दें। हम संसार के वैविध्य में आनन्द लें l यही सनातन धर्म का पूर्ण स्वरूप है जिसमें दूसरों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझने और सबके स्वास्थ्य व सुख की कामना करने की भावना भी विद्यमान है।  

यही है सनातन धर्म  वसुधैव कुटुम्बकम्  की जीवंत अभिव्यक्ति।


इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने बताया प्रकृति की रमणीयता में जिन लोगों का मन सहज रूप से रमता है अर्थात् जो व्यक्ति प्रातःकाल सूर्य की लालिमा, वृक्षों की हरियाली, तृण और झाड़ियों, सरोवरों, नदियों, पर्वतों तथा समुद्र की सौंदर्यपूर्ण छटा में आनंद अनुभव करते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि वे धीरे-धीरे अध्यात्म की ओर उन्मुख हो रहे हैं।

भैया अरविन्द जी का उल्लेख क्यों हुआ वृक्ष किससे डर जाता है २ नवम्बर का उल्लेख क्यों हुआ जानने के लिए सुनें