4.12.25

प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष चतुर्दशी विक्रमी संवत् २०८२ तदनुसार 4 दिसंबर 2025 का उपदेश *१५८९ वां* सार -संक्षेप

 प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज मार्गशीर्ष  शुक्ल पक्ष चतुर्दशी विक्रमी संवत् २०८२  तदनुसार 4 दिसंबर 2025 का उपदेश

  *१५८९ वां* सार -संक्षेप


मुख्य विचारणीय विषय क्रम सं ७१

हम जो भी अपने कार्य कर रहे हैं उनमें मन लगाएं


संसार स्वभावतः अपूर्ण है—यहाँ इच्छाएँ अनंत हैं और परिस्थितियाँ परिवर्तनशील। मनुष्य जीवन भर इन्हीं अपूर्णताओं को पूर्ण करने का प्रयास करता रहता है परंतु यह अधूरापन अंतहीन है। उसे पूरा करने की चेष्टा में ही जीवन का अधिकांश भाग व्यतीत हो जाता है।


प्रातःकाल के जागरण ध्यान अध्ययन स्वाध्याय लेखन भजन पूजन व्यायाम से एक प्रकार से नये जीवन का प्रारम्भ होता है  इसमें अतिशयोक्ति नहीं कि नित्य नया जीवन है और नित्य ही इस जीवन का समापन है 

 जीवन तो एक संग्राम की भांति विविध संघर्षों और चुनौतियों से भरा हुआ है। इन संघर्षों में सफलता प्राप्त करने के लिए केवल ज्ञान या भावना पर्याप्त नहीं होती, अपितु शौर्य, शक्ति और पराक्रम जैसे गुणों की आवश्यकता होती है यदि इन गुणों का अभाव हो, तो जीवन में आने वाले विघ्नों, अन्यायों और बाधाओं को पार करना कठिन हो जाता है। अतः जो व्यक्ति या समाज इन गुणों से युक्त होता है, वही संसार रूपी युद्धभूमि में विजयी हो पाता है। यही शौर्यप्रमंडित अध्यात्म है जिसे तुलसीदास जी ने मानस में अनेक स्थानों पर प्रकट किया है 

मुनि सुतीक्ष्ण से जब भगवान् राम कहते हैं 

अबिरल भगति बिरति बिग्याना। होहु सकल गुन ग्यान निधाना॥13॥

तुम प्रगाढ़ भक्ति, वैराग्य, विज्ञान और समस्त गुणों तथा ज्ञान के निधान हो जाओ।॥

तो मुनि कहते हैं 

अनुज जानकी सहित प्रभु *चाप बान धर राम*।

मन हिय गगन इंदु इव बसहु सदा निहकाम॥ 11॥॥

हे प्रभो! हे राम! छोटे भाई लक्ष्मण और सीता सहित *धनुष-बाणधारी* आप निष्काम (स्थिर) होकर मेरे हृदयरूपी आकाश में चंद्रमा की भाँति सदा निवास कीजिए॥ 11॥

भगवान् राम का धनुष बाणधारी होना हमें शौर्यप्रमंडित अध्यात्म की अनुभूति कराता है यह रामत्व अद्भुत है जिसमें ऋषित्व सम्मिलित है इसी ऋषित्व ने भगवान् राम को अपने सिद्धान्तों और आध्यात्मिक शक्तियों के प्रयोग हेतु धनुष बाण सहित दर्शाया

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने भैया पंकज जी का उल्लेख क्यों किया बड़ा ही C I D है वो

नीली छतरी वाला

हर ताले की चाबी रखे

हर चाबी का ताला.. गाने की चर्चा क्यों हुई जानने के लिए सुनें