21.12.21

दिनांक 21/12/2021 (चिल्ले कलां का प्रथम दिन )का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है सुद्रविणस् आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 21/12/2021 (चिल्ले कलां का प्रथम दिन )का सदाचार संप्रेषण


आचार्य जी 

डा तुलसीराम की पुस्तक 'भारत में अंग्रेजी क्या खोया क्या पाया 'की चर्चा प्रायः करते हैं 

भाषा के संबन्ध में उनके विचार अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं यह सलीके से लिखी पुस्तक है

 जापान, चीन अपनी भाषा को दृढ़ता से पकड़े हैं लेकिन हमारे यहां 

कोई अंग्रेजी बोलता है तो लगता है विद्वान है

सवाल उठता है कि यह भ्रम क्यों उत्पन्न हो गया है अंग्रेजी बोलना ही हम लोगों का जीवन लक्ष्य बन गया है कोई अंग्रेजी बोलता है तो लगता है विद्वान है भाषाई व्यामोह किसी प्रयास से हमारे ऊपर चढ़ा अंग्रेजों ने हमारे  आत्मबोध को विलुप्त करने का सफल प्रयास किया

आचार्य जी ने DISCOVERY OF INDIA पुस्तक के दूसरे संस्करण के 64 वें पृष्ठ को पढ़कर धर्माचरण का महत्त्व बताया

लेकिन बाद में कितना परिवर्तन आ गया

आचार्य जी ने इसी संदर्भ में कभी लिखा था


दुनिया औरों को सदाचार सिखलाती है

पर स्वयं असंयम कदाचार की अभ्यासी .......

और एक अन्य कविता

जागो भारत जागो महान...

के माध्यम से आचार्य जी ने बताया कि जब हम अपना वास्तविक इतिहास पढ़ेंगे तो हमारा स्वाभिमान जागेगा

भारतीय संस्कृति को भाषाई व्यामोह से व्यावहारिक व्यामोह से कुंठित किया गया हमारा खानपान आचरण विचार बदल गया

संस्कृति से दूर होकर ओढ़ी हुई सभ्यता को लेकर हम चल रहे हैं तो स्वाभिमान तो नहीं जागेगा

इसे जगाने का प्रयास दीनदयाल विद्यालय में किया गया इसे अब आगे लाने की आवश्यकता है आत्मबोध को नित्य जाग्रत करने की आवश्यकता है

इन सब बातों का आगे आने वाले कार्यक्रमों में अवश्य ध्यान रखें 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w


https://t.me/prav353