सत पंच चौपाईं मनोहर जानि जो नर उर धरै।
दारुन अबिद्या पंच जनित बिकार श्री रघुबर हरै॥2॥
प्रस्तुत है आशर -रिपु ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज
चैत्र शुक्ल पक्ष दशमी विक्रम संवत् 2080
तदनुसार 31-03- 2023
का सदाचार संप्रेषण
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610वां सार -संक्षेप
1 आशरः =राक्षस
इन सदाचार संप्रेषणों के सात वर्ष पूर्ण हो चुके हैं इनको सुनने के लिए प्रतिदिन हमारी उत्सुकता बनी रहती है और हम सदाचारमय विचार ग्रहण करते हैं
हम संसारी पुरुषों में कभी कभी कमजोरी के भाव आ जाते हैं लेकिन कुछ क्षणों के लिए भी यदि आत्मस्थता आ जाती है तो आत्मविश्वास में वृद्धि होती है क्यों कि आत्म परमात्म का अंश है और परमात्मा कभी व्याकुल विकृत नहीं होता
वह व्याकुल विकृत तभी होगा जब संसार में स्वरूप धारण करेगा
जैसे
सुनहु प्रिया ब्रत रुचिर सुसीला। मैं कछु करबि ललित नरलीला॥
तुम्ह पावक महुँ करहु निवासा। जौ लगि करौं निसाचर नासा॥1॥
कहने वाले भगवान् राम को भी संसार स्पर्श करता रहा
यह संसार परमात्मा की रचना है और कभी कभी उन्हीं को परेशान करता है
मिट्टी के घरौंदों का उदाहरण देते हुए आचार्य जी ने बताया कि परमात्मा का लगाव हट जाता है तो वह खेल खराब कर देता है इसे प्रलय कहते हैं
महादेवी वर्मा कहती हैं
पंथ होने दो अपरिचित प्राण रहने दो अकेला!
घेर ले छाया अमा बन, आज कज्जल-अश्रुओं में रिमझिमा ले यह घिरा घन;
और होंगे नयन सूखे, तिल बुझे औ, पलक रूखे, आर्द्र चितवन में यहाँ शत विद्युतों में दीप खेला!
......
आज जिस पर प्रलय विस्मित, मैं लगाती चल रही नित, मोतियों की हाट औ, चिनगारियों का एक मेला!
'आत्मिका'
संसार अपरिचित राह है संबन्ध हम बनाते हैं
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता।
भगवान् राम ने बहुत प्रकार की लीलाएं कीं
तुलसीदास जी कहते हैं
मो सम दीन न दीन हित तुम्ह समान रघुबीर।
अस बिचारि रघुबंस मनि हरहु बिषम भव भीर॥130 क॥
मेरे जन्म-मरण के भयानक दुःख का हरण कर लीजिए
परमात्मा सृजन करे या विनाश हमें तो उसे अपने अन्दर बैठाना है
मेरे अंदर बैठकर अपने रामत्व का प्रसार करिए
निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह।
कल एक अध्यात्म समन्वित कार्यक्रम संपन्न हुआ
आचार्य जी ने चित्रकूट के कार्यक्रम की भी चर्चा की
हमें तार बनना है या रस्सी इससे क्या आशय है जानने के लिए
और
इसके आगे आचार्य जी ने क्या बताया जानने के लिए सुनें